उत्तराखंडदेहरादून

आपदा के बीच राहत बनकर पहुंचे मंत्री गणेश जोशी, पीड़ित परिवारों को दी हरसंभव मदद की आश्वासन

देहरादून व मसूरी में अतिवृष्टि का कहर, जन-धन की भारी हानि – मंत्री गणेश जोशी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

देहरादून, 18 सितंबर 2025:
प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश (अतिवृष्टि) ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सैकड़ों मार्ग बंद हो गए हैं, पुल-पुलिया बह चुके हैं और दुकानों व घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। राजधानी देहरादून और मसूरी विधानसभा क्षेत्र में हालात सबसे अधिक गंभीर हैं।

मसूरी विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को सहस्त्रधारा, कारलीगाड़ और मजारड़ा गांव सहित कई आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुःख साझा किया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

11 लोगों की मौत, 8 अब भी लापता

मंत्री जोशी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मसूरी विधानसभा क्षेत्र में अतिवृष्टि के चलते अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 लोग अभी भी लापता हैं। कारलीगाड़ गांव में चार लोग तीसरे दिन भी मलबे में दबे हुए हैं, जिनकी तलाश के लिए राहत टीमें और जेसीबी मशीनें लगातार काम कर रही हैं।

संपर्क मार्ग कटे, मसूरी चारों ओर से हुआ अलग-थलग

उन्होंने बताया कि भारी बारिश और भूस्खलन के कारण मसूरी के चारों ओर के संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। कई सड़कें, पुल और पुलियाएं बह गई हैं, जिससे इलाके का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। हालात को सामान्य बनाने के लिए प्रशासन युद्धस्तर पर राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में जुटा है।

300 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की मांग

मंत्री जोशी ने कहा कि क्षेत्र में व्यापक नुकसान को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से 300 करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ क्षेत्रों को ‘डेंजर जोन’ घोषित करने की आवश्यकता है, जहां के लोगों को विस्थापित कर सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाएगा। इसके लिए एक विशेष सर्वे टीम कार्य में जुटी है।

सरकार पूरी तरह से साथ: जोशी

कैबिनेट मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस आपदा की घड़ी में पीड़ितों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि मानव जीवन की सबसे कठिन परीक्षा है। हमारी प्राथमिकता है कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिले और क्षेत्र को पुनः पटरी पर लाया जाए।”

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